History

विधालय की एतिहासिक पृष्ठभूमि गुणात्मकता लानी है तो शिक्षा में पथ प्रदर्शक बन चलो। सजग, जिज्ञासु, क्रियाशील बन कर प्रगतिपथ साधे चलो। इसी सोच के धनी श्रीमान सत्यनारायण चौधरी ने 14 जून 1987-88 को श्रीराम विधासमिति की स्थापना बच्चों के राष्ट्रीयता की भावना, भारतीय संस्कृति के अनुरूप विकास, निराश्रित, दलित एवं गरीब बच्चो के उत्थान, सर्वागीण विकास एवं सामाजिक परिवर्तनो की बयार बहाने के उद्वेश्यों को पूरा कराने हेतु कीं इस क्रम में 1 जुलार्इ 1990 को श्रीराम प्राथमिक विधालय की स्थापना 27 विधार्थियों से की थी जो कि निरन्तर उत्तरोत्तर प्रगति के पथ कि ओर अग्रसर होते हुए 1 जुलार्इ 1992 को उच्च प्राथमिक, 8 जुलार्इ 1996 को माध्यमिक एवं 13 मर्इ 2010 को उच्च माध्यमिक विधालय में क्रमोन्नत हुआ।
जिसमें आज तीनो संकाय कला, वाणिज्य एवं विज्ञान में अध्ययनरत विधार्थियों में उत्कृष्टता तकनीकी कौशल एवं प्रोधोगिकी से जुडाव लाने हेतु तत्पर एवं प्रतिबद्व है। विगत 25 वर्षो से शिक्षण कार्य में जुडी श्रीराम विधा मनिदर समिति द्वारा संचालित यह संस्था कक्षा नर्सरी से बारहवीं तक शैक्षिक एवं सहशैक्षिक गतिविधियों में निरन्तर उच्च शिक्षा के लिये मजबूत आधार प्रदान कर रही है। इस संस्था के व्यवस्थापक श्रीमान मनोहर चौधरी के उच्च नेतृत्व में बालकों के विकास पर पूरा ध्यान दिया जाता है।
महासतिया के पास स्थापित संस्था कम फीस में उच्च शिक्षा देने के कार्य कर रही है। विधालय की प्राचार्या डा. दीपिका गंगल के मार्गदर्शन में शैक्षिक तथा सहशैक्षिक गतिविधियों में सभी छात्र-छात्राएं जिला स्तर एवं तहसील स्तर पर उच्च स्थान प्राप्त कर विधालय को गौरवानिवत कर रहे है। विधालय के अनुभवी एवं प्रशिक्षित अध्यापकों द्वारा समय-समय पर विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं एवं उत्सवों का आयोजन कर छात्र-छात्राओं में उच्च संस्कार, आत्मविश्वास, लीडरशीप एवं भार्इचारे की भावना को विकसित कर उनके जीवन को एक नर्इ दिशा प्रदान की जाती है।
जिससे विधार्थी बडे होकर मर्यादित, अनुशासित एंव सुसंस्कृत जीवनयापन कर सके। विगत 25 वर्षो से विधालय की सभी कक्षाओं का श्रेष्ठतम परीक्षा परिणाम देते हुए यह संस्था कक्षा ग्याहरवीं व बारहवीं में विज्ञान, वाणिज्य एवं कला संकाय शुरू किये है। जिसमें आप सभी का सहयोग एवं स्नेह अपेक्षित है। विधालय की एक महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि यहां के कमजोर विधार्थियो का नि:शुल्क बीमा किया जाता है एवं कमजोर विधार्थियो के लिये अलग से नि:शुल्क कक्षाएं संचालित की जाती है।